Ration Card: राशन कार्ड धारको की आई तगड़ी मोज मोदी सरकार ने दी ये बड़ी सुबिधा, मिलेंगे ये फायदे

Fortified Rice: नमस्कार दोस्तों, हमारे आज के लेख में आपका स्वागत है, इस लेख में हम आपको राशन कार्ड के बारे में जो बड़ा अपडेट आया है, उसके बारे में बताएंगे, इस अपडेट में राशन कार्ड धारकों की ताकत आई है, मोदी सरकार ने कुछ ऐसा दिया है राशन कार्ड धारकों के लिए अच्छी योजना सुविधा प्रदान की है जिससे हमें बहुत से लाभ मिलने वाले हैं

Ration Card :मोदी सरकार ने 2024 तक देश भर में सरकारी योजनाओं के माध्यम से चावल वितरित करने का लक्ष्य रखा है, चावल का वितरण 269 जिलों में पीडीएस के माध्यम से किया जा रहा है और यह सभी सुविधाएं हमारे सभी जिलों में उपलब्ध हैं और सभी गरीब परिवार के सदस्यों को यह सुविधा आसानी से मिल जाती है

Ration Card

योजना को अक्टूबर 2021 में शुरू क‍िया गया

अगर आपके पास भी राशन कार्ड है तो आप सरकार से मकरासन का लाभ ले सकते हैं तो यह खबर आपके लिए है इसलिए संशोधित चावल 69 जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से देश के शेष जिलों में मार्च तक वितरण किया जा रहा है कुछ समय दिया गया है और इस समय से पहले केंद्रीय उर्वरक सचिव संजीव चोपड़ा से इस दायरे में सारी जानकारी ली जाएगी.

हमारे देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य 2024 में सभी सरकारी योजनाओं के माध्यम से पूरे देश में चावल वितरित करना है और जिन बच्चों और महिलाओं को एनीमिया की कमी है उन्हें समय की कमी को दूर करने के लिए पोषक तत्व मिलना चाहिए। और फोर्टिफाइड चावल बांटने की यह योजना 2021 में शुरू की गई थी

केंद्र सरकार की अनूठी और सफल पहल
संजीव चोपड़ा जी ने कहा है कि पिछले 2 वर्षों में फोर्टिफाइड राइस पिटर्स को सफलतापूर्वक लागू किया गया। उन्होंने कहा है कि यह केंद्र सरकार की अनूठी और सफल पहल है जिसके पिछले 2 साल में अच्छे परिणाम मिले हैं. हम जनता से मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित हैं। पहले कुछ गलतफहमी हुई थी लेकिन उसे दूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह पहल स्वस्थ भारत के नियम तय करेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमने अब तक 269 जिलों में पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू किया है, जिस गति से हम आगे बढ़ रहे हैं, हम जल्द ही 6 जिलों में इस प्रक्रिया को शुरू करेंगे और बाकी जिलों के लिए समय सीमा से पहले योजना बनाएंगे. उन्होंने कहा है कि देश में करीब 735 जिले हैं, जिनमें से 80 फीसदी से ज्यादा आबादी चावल खाती है. चोपड़ा ने कहा है कि देश में चावल इसलिए है क्योंकि फिलहाल इस चावल की उत्पादन क्षमता 17 टन है.

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